Shiv Stuti: Singing the Praises of Lord Shiva
Introduction:
भगवान शिव, हिन्दू धर्म के त्रिमूर्तियों में से एक हैं और वे आदियोगी, भूतनाथ, भैरव, रुद्र, नीलकंठ, और बहुत सारे औरन्य नामों से जाने जाते हैं। वे सृष्टि के महाकाल और विनाश के प्रतीक हैं, लेकिन वे भक्तों के लिए करुणासिंधु भी हैं। भगवान शिव की पूजा और स्तुति का महत्व अत्यधिक है, और शिव स्तुति इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस लेख में, हम शिव स्तुति के फायदे और कैसे इसे किया जा सकता है, के बारे में बात करेंगे।
शिव स्तुति का महत्व (The Significance of Shiv Stuti):
शिव स्तुति करने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो निम्नलिखित हैं:
आंतरिक शांति (Inner Peace): शिव स्तुति करने से हमारे मन और आत्मा में शांति का आभास होता है। शिव के ध्यान में रहकर, हम अपने आप को आंतरिक सुख और शांति में पाते हैं।
संकटों से मुक्ति (Freedom from Troubles): भगवान शिव को भक्तों का संकटों से मुक्त करने वाला देवता माना जाता है। शिव स्तुति करने से संकटों से छुटकारा प्राप्त होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
सफलता की प्राप्ति (Attaining Success): शिव स्तुति करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। भगवान शिव की कृपा से सभी कठिनाइयाँ दूर होती हैं और मानव जीवन में समृद्धि आती है।
पुण्य की वृद्धि (Accumulation of Merit): शिव स्तुति करने से हम पुण्य का संचय होता है, और हमारे कर्मों का फल भी अच्छा होता है।
आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual Growth): शिव स्तुति करने से हमारा आध्यात्मिक उन्नति होता है। हम भगवान शिव की भक्ति के माध्यम से अपने आप को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करते हैं।
Shiv Stuti in Hindi
पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।।
महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम्।।
गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम्।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम्।।
शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले महेशान शूलिञ्जटाजूटधारिन्।
त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप: प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।।
परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम्।।
न भूमिर्नं चापो न वह्निर्न वायुर्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।
न गृष्मो न शीतं न देशो न वेषो न यस्यास्ति मूर्तिस्त्रिमूर्तिं तमीड।।
अजं शाश्वतं कारणं कारणानां शिवं केवलं भासकं भासकानाम्।
तुरीयं तम:पारमाद्यन्तहीनं प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।।
नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।
नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्।।
प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ महादेव शंभो महेश त्रिनेत्।
शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्य:।।
शंभो महेश करुणामय शूलपाणे गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन्।
काशीपते करुणया जगदेतदेक-स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि।।
त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन।।
शिव स्तुति कैसे करें (How to Perform Shiv Stuti):
शिव स्तुति करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:
मंत्र जाप (Mantra Chanting): एक प्रमुख तरीका शिव स्तुति का मंत्र जाप करना है। "ॐ नमः शिवाय" मंत्र एक प्रमुख शिव मंत्र है, और इसे ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से जापने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
शिव सहस्त्रनाम (Shiva Sahasranama): शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से भी शिव स्तुति की जा सकती है। इस स्तोत्र में भगवान शिव के हजारों नामों की महिमा गायी गई है।
शिव पूजा (Shiva Puja): शिव स्तुति का महत्वपूर्ण हिस्सा शिव पूजा है। शिवलिंग की पूजा करने के साथ-साथ शिव सहस्त्रनाम और अन्य स्․त्रोत्र का पाठ करें।
ध्यान और ताप (Meditation and Austerity): शिव स्तुति करते समय ध्यान और ताप का अभ्यास करना भी फायदेमंद होता है। यह आपके मानसिक स्थिति को शांति देता है और आध्यात्मिक साधना को बढ़ावा देता है।
शिव की गान (Singing the Glories of Shiva): भगवान शिव के गुणों की महिमा गाते हुए उनकी स्तुति करना भी एक अच्छा तरीका है। अन्यनामे जैसे "भोलेनाथ," "आदियोगी," और "महादेव" का उच्चारण करके आप शिव की महिमा का गुणगान कर सकते हैं।
Also you can read this in other languages on shrishivchalisa.com
इसके अलावा, आप भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने के लिए रोज उनकी आराधना कर सकते हैं और उनकी उपासना कर सकते हैं। आपके भगवान शिव के प्रति विश्वास और श्रद्धा का निष्कर्ष रूप से आवश्यक है, जो शिव स्तुति को पूरे दिल से करने में मदद करेगा।
संक्षेप में कहें तो, शिव स्तुति एक शक्तिशाली ध्यान तंत्र है जो हमें आंतरिक शांति, संकटों से मुक्ति, सफलता, पुण्य, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। इसके अलावा, यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है और हमें भगवान शिव की कृपा का आभास कराता है।
उपसर्ग (Conclusion):
भगवान शिव की स्तुति करने के लिए कई तरीके हैं, जैसे मंत्र जाप, स्तोत्र पाठ, पूजा, ध्यान, और ताप। इन तरीकों का पालन करके हम शिव स्तुति का आचरण कर सकते हैं और भगवान शिव की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। शिव स्तुति करने से हमारे जीवन में आंतरिक शांति, सफलता, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसलिए, भगवान शिव की महिमा का गुणगान करें और अपने जीवन को धन्यवादी बनाएं।
हर हर महादेव!